भारत सरकार के सड़क मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और हाईवे बनाने वाली कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि अब उन्हें अपने-अपने यूट्यूब चैनल बनाने होंगे, ताकि आम जनता को हर प्रोजेक्ट की असली जानकारी मिलती रहे। अब जब भी सड़क बन रही होगी या कुछ नया काम शुरू होगा, उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खुद NHAI या कंपनी डालेगी ताकि हम और आप पूरी तस्वीर देख सकें और जरूरत हो तो अपनी राय भी दे सकें। आइए, इस नई पहल की खबर को कहानी के अंदाज में समझते हैं।
नए नियम के तहत हर सड़क प्रोजेक्ट की जानकारी अब यूट्यूब पर! : –
कहानी की शुरुआत : –
सड़क, समस्या और सोशल मीडियामान लीजिए, आप अपने गांव से शहर की ओर सफर पर निकले हैं। बीच रास्ते में अचानक सामने एक अधूरी या टूटी सड़क आ जाती है; मन में सवाल आता है—’इस सड़क की मरम्मत कब होगी, पैसे किसने खर्च किए, आखिर जिम्मेदार कौन है?’ अब तक ये बातें वही जानते थे जो काम में जुड़े थे, लेकिन अब सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नायाब तरीका खोज निकाला है।
मंत्रालय का नया आदेश : – ‘अब सब दिखेगा’सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2025 के अक्टूबर अंत में फैसला लिया कि NHAI और हर हाईवे डेवलपर को यूट्यूब चैनल पर हर प्रोजेक्ट की वीडियो डालनी होगी। इसमें हर स्तर की जानकारी—जैसे सड़क कब बनना शुरू हुई, किस तकनीक से बन रही है, किस ठेकेदार और अधिकारी के जिम्मे है—सब जनता के सामने होगी। यही नहीं, मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर ने साफ कहा कि पब्लिक फीडबैक अब इस प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा होगा; आम नागरिक फीडबैक देंगे तो निर्माण से जुड़ी समस्याएं सीधे सामने आएंगी।’यूट्यूबर भी हमारी मदद कर रहे हैं!
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‘मंत्रालय ने यह अनुभव किया कि अक्सर फील्ड में असली दिक्कतों की जानकारी यूट्यूब जैसे प्लेटफार्म पर स्वतंत्र यूट्यूबर अपलोड करते हैं—लोग वहाँ अपनी असली परेशानी खुलकर बताते हैं। उन्हीं फीडबैक से मंत्रालय तक काफी जरूरी बातें पहुंचती हैं; अब वही ताकत सिस्टम के अपने चैनल को मिलेगी। ड्रोन से निगरानी, वीडियो से जवाबदेहीनए नियम के मुताबिक, रोड बनाने वाली कंपनियां अब ड्रोन से वीडियो शूट करेंगी और प्रोजेक्ट के हर स्टेज की क्लिप यूट्यूब चैनल पर डालेंगी।

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इससे जनता देख पाएगी कि प्रगति कितनी तेजी से हो रही है, कहाँ रुकावटें हैं। इसके अलावा सड़क के किनारे लगे होर्डिंग में भी QR कोड लगेगा—आप अपने फोन से कोड स्कैन करें और देख लें अधिकारी, ठेकेदार और जिम्मेदार व्यक्ति कौन है।
पारदर्शिता से क्या बदलेगा ? : –
- जनता सीधे जान सकेगी—परियोजनाओं में देर क्यों है या कितना काम बाकी है।
- कोई सड़क खराब दिखी तो तुरंत व्हाट्सएप/सोशल मीडिया पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- मंत्री गडकरी ने खुद कहा: ‘लोग जब टोल फीस देते हैं तो उन्हें अच्छी सड़क मिलनी चाहिए, कम्फर्ट में समझौता नहीं होना चाहिए’।
- अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी क्योंकि अब गलती छुपाना मुश्किल होगा।
- जनता की आवाज़ अब सीधी सुनाई देगी
- अब जब कभी लोग सोशल मीडिया या यूट्यूब पर सड़क की खराबी या काम में देरी पर कमेंट करेंगे, तो मंत्रालय को वह शिकायत सीधी दिखेगी और सम्बंधित अफसर तक पहुंचेगी।
कुल मिलाकर, अब हर हाईवे प्रोजेक्ट की असलियत जनता के सामने होगी। कैसी बन रही है सड़क, कौन बना रहा है, किसका मोबाइल नंबर है—अब सब एक क्लिक पर मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि इससे बड़े घोटाले, फिजूल खर्च और लापरवाहियों पर भी लगाम लगेगी, और ‘अच्छे रास्तों की उम्मीद’ — यह सपना पूरा होने के करीब होगा!