बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कुछ मैनेजर्स पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें उन्होंने ग्राहकों के नाम पर कागज फर्जी बनाकर लगभग 30 करोड़ रुपए का लोन हासिल किया। यह मामला बैंकिंग जगत में एक चौंकाने वाली घटना है और इसमें ग्राहकों के भरोसे के साथ धोखा किया गया है। इस ब्लॉग में एक आम आदमी की भाषा में इस पूरे घोटाले की कहानी समझाई जाएगी ताकि हर किसी को इसका पूरा सच पता चले।
क्या हुआ बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ? : –
कोच्चि की बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा के कुछ मैनेजरों ने कागजों की फर्जीफिरी कर के ग्राहकों के नाम पर लोन लिया। इस घोटाले का शिकार एसिड होल्डर एल्धो पॉल नाम के एक छोटा कंस्ट्रक्टर भी हुए, जिन्हें पता भी नहीं था कि बैंक ने उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर उनके नाम पर 30 करोड़ का लोन कर दिया है। इस मामले की गड़बड़ी तब सामने आई जब उनके नाम की संपत्ति को जब्ती के लिए नोटिस भेजा गया।
कैसे हुआ यह घोटाला ? : –
एल्धो ने बताया कि 2023 में उन्हें आर्थिक मुश्किलों का सामना था। बैंक के कुछ मैनेजरों ने उन्हें एक करोड़ रुपए का लोन दिलाने का दावा किया। वे उससे दस्तावेज, ख़ासकर स्टाम्प पेपर और चेक लेकर अपने फायदे के लिए लोन की राशियाँ करीब 30 लाख रुपए तक जारी कर दिए। लेकिन बैंक की अलग शाखा ने उनके नाम पर बिना जानकारी के 30 करोड़ रुपए के बड़े लोन मंजूर कर लिए। इसके लिए उनके फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर इकट्ठा किए गए।
और भी लोग फंसे इस जाल में : –
एल्धो ने यह भी आरोप लगाया कि मैनेजरों ने और भी कई व्यक्तियों के कागजों का दुरुपयोग किया। जिनके नाम जेननी वर्गीस, जीबा जेननी, जिनू वर्गीस जैसे लोगों के फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल कर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 120 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई।
जांच और कार्रवाई : –
कोच्चि पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी, विश्वासघात और कागज फर्जीवाड़े के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पीड़ित एल्धो ने CBI से भी इस मामले की जांच कराने की मांग की है और इसके लिए वित्त मंत्री को पत्र भेजा है।
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आम जनता के लिए सन्देश : –
यह मामला दिखाता है कि बैंकिंग सिस्टम में भी भारी भ्रष्टाचार हो सकता है, जिससे आम ग्राहक प्रभावित होते हैं। भारतीय बैंकिंग सेक्टर की ईमानदारी और विश्वसनीयता को बचाने के लिए ऐसी गड़बड़ी को रोकना बहुत जरूरी है। आम लोग भी सतर्क रहें और अपनी बैंकिंग डिटेल्स की जांच समय-समय पर करते रहें।
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इससे क्या सीख मिलेगी ? : –
यह घोटाला हमें यह भी सिखाता है कि बैंक में भरोसा बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें अपनी जानकारी और दस्तावेजों की सुरक्षा खुद भी करनी चाहिए। बैंक अधिकारी या मैनेजर से किसी तरह की कोई बातचीत हो तो उसके कागजात समझदारी से देखें। इसके अलावा, ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बैंकिंग और सरकारी संस्थान लगातार नई तकनीक और निगरानी बढ़ा रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।
