अडानी पावर लिमिटेड (APL) ने 2025 में भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर निर्माता कंपनी के तौर पर अपनी पहचान मजबूत कर ली है। इस उपलब्धि ने न केवल बिजली उत्पादन क्षेत्र में निजी कंपनियों के बढ़ते वर्चस्व को दर्शाया है, बल्कि सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों के बीच प्रत्यक्ष तुलना को भी सामने लाया है.
अडानी पावर की उपलब्धियाँ : –
अडानी पावर के पास वर्तमान में 18,150 मेगावाट (MW) की स्थापित क्षमता है, जो आठ राज्यों में फैले बारह पावर प्लांट्स के माध्यम से संचालित होती है। कंपनी ने तनावग्रस्त यानी घाटे में चल रहे 4,370 MW के प्रोजेक्ट्स का अधिग्रहण कर उन्हें सफलतापूर्वक मुनाफे में बदला है, साथ ही 2,900 MW की अतिरिक्त क्षमता का एकीकरण भी कर रही है। कंपनी ने डिजिटल ऑपरेशन, कोयला आपूर्ति और लॉजिस्टिक्स में अपनी विशेषज्ञता के चलते लगातार 90% से अधिक संयंत्र उपलब्धता बनाए रखी है।
बाजार में पकड़ और विस्तार : –
अडानी पावर की बाजार हिस्सेदारी भारत के कुल कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 8% तक पहुंच चुकी है, जो केवल सरकारी कंपनी NTPC के बाद दूसरी सबसे बड़ी है। कंपनी के पास 41.9 GW (41,900 MW) की मजबूत प्रोजेक्ट पाइपलाइन है, जिससे अनुमान है कि 2032 तक इसकी बाजार हिस्सेदारी 15% तक हो सकती है।
हाल की प्रमुख परियोजनाएँ : –
कंपनी ने बिहार सरकार के साथ 2,400 MW की नयी अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट के लिए 25 वर्ष का बिजली आपूर्ति समझौता (PSA) किया है। यह प्लांट जल्द ही बिहार के भागलपुर जिले में स्थापित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा। इससे निर्माण के दौरान 10,000–12,000 और संचालन के बाद करीब 3,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा.
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वित्तीय और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़त : –
अडानी पावर ने मुनाफे के मामले में उल्लेखनीय तेजी दिखाई है—जैसे रायपुर प्लांट का EBITDA सिर्फ तीन वर्षों में बारह गुना बढ़ गया। इसी तरह, महान और रायगढ़ संयंत्रों में भी काफी तेजी से लाभ हुआ। कंपनी का कर्ज-से-EBITDA अनुपात 2019 में 9.7x से घटकर 2025 में 1.8x हो गया है, जो उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति दर्शाता है.
सरकारी कंपनी NTPC से तुलना : –
सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) भारत की सबसे बड़ी कुल (सरकारी व निजी) थर्मल पावर निर्माता है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 73,024 MW के आसपास है। NTPC की सबसे बड़ी ताकत उसकी सरकारी गारंटी, निवेश की स्थिरता और नीति स्तर पर समर्थन है। वहीं, अडानी पावर की प्रमुखता निजी क्षेत्र में परियोजना निर्माण, अधिग्रहण और जोखिम प्रबंधन की तेज रफ्तार में है।
NTPC = ~73,000 MW – सार्वजनिक – पैन इंडिया ~25-30%(हिस्सेदारी) – विश्वसनीयता, सरकारी लाभ
Adani Power = 18,150 MW – निजी – बहु-राज्य – 8% (तीव्र वृद्धि) – तेज विस्तार, जोखिम नियंत्रण
अडानी पावर की यह उपलब्धि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ निजी क्षेत्र की कार्य-क्षमता का प्रमाण है। जहां NTPC जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम विशालता और स्थिरता का प्रतीक हैं, वहीं अडानी पावर आधुनिक प्रबंधन, अधिग्रहण क्षमता और वित्तीय अनुशासन के कारण तेजी से निजी पैठ बना रही है। भारत के ऊर्जा विभाग के लिए यह विकास स्पर्धा, नवाचार और उपभोक्ताओं के लिए भी सकारात्मक संकेत है.
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