सोचिए आप फ्लाइट में बैठे हैं, खिड़की से बादलों को निहार रहे हैं, और अचानक अफरा-तफरी मच जाती है। कुछ लोग उठकर आगे की तरफ भागते हैं, क्रू मेंबर घबराए हुए हैं, और आप समझ ही नहीं पाते कि हुआ क्या। ऐसा ही कुछ हुआ 22 सितंबर 2025 को Air India Express की फ्लाइट IX-1086 में, जो बेंगलुरु से वाराणसी जा रही थी।
सुबह-सुबह की फ्लाइट थी, सब लोग अपने-अपने काम से जा रहे थे। लेकिन एक युवक, जो आठ साथियों के साथ सफर कर रहा था, अचानक कॉकपिट की तरफ बढ़ गया। उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की, और हैरानी की बात ये कि उसने सही पासकोड भी डाल दिया। अब भई, आम आदमी तो यही सोचता है कि पासकोड कैसे पता चला? क्या ये कोई साजिश थी?
पायलट ने तुरंत स्थिति को समझा और दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। एयरलाइंस के नियमों के मुताबिक, चाहे कोई भी हो, कॉकपिट का दरवाजा उड़ान के दौरान नहीं खुलता। पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी और फ्लाइट को सुरक्षित तरीके से वाराणसी एयरपोर्ट पर उतारा।

जैसे ही विमान लैंड हुआ, CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने उस युवक और उसके आठ साथियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ शुरू हुई, और युवक ने सफाई दी कि वो पहली बार फ्लाइट में बैठा था और उसे लगा कि कॉकपिट का दरवाजा शौचालय का है। अब ये बात कितनी सच है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
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Air India Express ने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है और उनके पास मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल हैं। उन्होंने ये भी कहा कि यात्री ने कॉकपिट के पास जाने की कोशिश की, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी यात्री सुरक्षित हैं।
अब सवाल ये उठता है कि अगर ये वाकई हाइजैक की कोशिश थी, तो इतनी आसानी से पासकोड कैसे मिल गया? और अगर ये सिर्फ एक गलतफहमी थी, तो नौ लोग एक साथ क्यों सफर कर रहे थे और क्यों एक ही व्यक्ति ने ऐसा किया? जांच एजेंसियां अब इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं ये कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।
इस घटना ने आम यात्रियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। हम जैसे लोग तो फ्लाइट में बैठते वक्त सीट बेल्ट लगाने से लेकर मोबाइल बंद करने तक हर नियम का पालन करते हैं, और यहां कोई कॉकपिट तक पहुंच गया! ये घटना बताती है कि सुरक्षा कितनी जरूरी है और थोड़ी सी लापरवाही कितनी बड़ी मुसीबत बन सकती है।
अच्छी बात ये रही कि पायलट और क्रू ने बिल्कुल सही समय पर सही फैसला लिया। अगर दरवाजा खुल जाता, तो क्या होता — ये सोचकर ही डर लगता है। इस घटना ने एयरलाइंस को भी सतर्क कर दिया है कि अब सुरक्षा को और मजबूत करना होगा।
अंत में यही कहना चाहूंगा कि चाहे ये हाइजैक की कोशिश थी या एक मासूम गलती, लेकिन इससे सबक लेना जरूरी है। यात्रियों को भी फ्लाइट के नियमों की जानकारी होनी चाहिए और एयरलाइंस को सुरक्षा में कोई ढील नहीं देनी चाहिए। क्योंकि आसमान में एक छोटी गलती, बहुत बड़ी दुर्घटना बन सकती है।
