धनबाद की गलियों में एक अनोखा किस्सा चल रहा है, जिसे सुनकर शायद आप हैरान रह जाएंगे। आप ने कभी सुना होगा हवाला कारोबार के बारे में, जो अक्सर काले कारोबार और गैरकानूनी तरीके से पैसों का लेन-देन करता है। लेकिन अब इसमें डिजिटल क्रांति आ गई है। इस कारोबार में अब USDT नाम की क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। धनबाद में हाल ही में एक बड़ा साइबर गिरोह पकड़ा गया है जो हवाला की तरह यूएसडीटी से रुपया बदलता था। आइए, आम आदमी की भाषा में इस खबर को समझते हैं।
क्या है यूएसडीटी हवाला कारोबार ?
यूएसडीटी (Tether) एक क्रिप्टो करेंसी है, जो डॉलर के बराबर मानी जाती है। इसे स्थिर माना जाता है क्योंकि इसकी कीमत डॉलर के साथ जुड़ी रहती है। अब कल्पना करें कि पहले हवाला में पैसा कागज पर ट्रांसफर होता था, लेकिन अब ये डिजिटल हुआ है। लोग सोशल मीडिया या मोबाइल ऐप के जरिए यूएसडीटी खरीदते हैं, जो बैंकिंग प्रणाली से परे पैसा भेजने का एक तरीका बन गया है। धनबाद में पकड़े गए गिरोह भी इसी डिजिटल हवाला का हिस्सा थे, जो नकली कंपनियां बनाकर, फर्जी बैंक खाते खोलकर इस कारोबार को अंजाम देते थे।
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कैसे चलता है ये कारोबार ?
मान लीजिए कोई अपना काला पैसा या कोई चोरी-कटोरी रकम इधर-उधर भेजना चाहता है। अब वो व्यक्ति सीधे रुपये लेकर बैंक ट्रांसफर नहीं कर सकता, तो वो यूएसडीटी खरीदता है। फिर ये क्रिप्टो करेंसी डिजिटल वॉलेट में चली जाती है। फिर इसी पैसे को उस जगह पर यूएसडीटी बेचते हैं, जहां ये रकम नकदी में वापस लेनी होती है। इस पूरे चक्कर में डिजिटल माध्यम की वजह से इसका पता लगाना और रोकना मुश्किल हो गया है।
धनबाद पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, ये गिरोह 50 से ज्यादा फर्जी कंपनियां चलाते थे। इनके पास सैकड़ों बैंक खाते, लायक्ज़री गाड़ियां, मोबाइलफोन, लैपटॉप और कई दस्तावेज मिले हैं। इनके ऑपरेशन के लिए खास APK फाइलें भी थीं, जो बैंक OTP जैसे जरूरी डेटा चुरा कर ठगी को आसान बनाती थीं।
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धनबाद में हालिया घटनाक्रम : –
हाल ही में खबर आई कि धनबाद पुलिस ने बैंकमोड़ इलाके के एक होटल में छापा मारकर 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपित यूएसडीटी के हवाले से जुड़ी साइबर ठगी और हवाला नेटवर्क के प्रमुख सदस्य हैं। इन्हें फर्जी खातों और तकनीकी हथकंडों का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने मौके से लाखों रुपए नकद, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और एटीएम कार्ड बरामद किये हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस गिरोह के मास्टरमाइंड का संबंध झारखंड की राजनीति से भी जुड़ा बताया जा रहा है। इससे महज एक स्थानीय अपराध के अलावा यह संगठित धोखाधड़ी का मामला है।

आम आदमी के लिए खतरा और सीख : –
ऐसे कारोबार जहां गैरकानूनी तरीके से पैसा डिजिटल रूप से भेजा जाता है, वहां आम आदमी की भी सुरक्षा खतरे में होती है। घबराने की बात यह है कि ऐसे गिरोह दिन-ब-दिन और चतुर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी एप्लिकेशन, सोशल मीडिया के जरिए धोखा, और फर्जी कंपनियों का जाल इतना बड़ा हो गया है कि कोई भी शिकार हो सकता है।
अगर कोई आपको यूएसडीटी बेचने या खरीदने का ताना देने लगे, खासकर बिना किसी भरोसेमंद स्रोत के, तो इससे सावधानी बरतें। पुलिस और साइबर सेल की मदद से ही अपनी आर्थिक सुरक्षा करें। डिजिटल दुनिया में छल से बचना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।
धनबाद में यूएसडीटी हवाला कारोबार की यह कहानी यह बताती है कि तकनीक के साथ से कितना बड़ा खतरा भी जुड़ा है। डिजिटल मुद्रा की संभावनाएं उज्जवल हैं, लेकिन अगर इसका गलत इस्तेमाल हो तो परिणाम भयानक हो सकते हैं। इसलिए सरकार की कठोर कार्रवाई तो जरूरी है, पर साथ ही हमें भी सतर्क रहना होगा।यूएसडीटी हवाला जैसे कारोबार आम आदमी को सीधे नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए जागरूकता और सही सूचना सबसे बड़ा हथियार है।धनबाद पुलिस की सक्रियता से एक बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही ऐसे काले कारोबार पर लगाम लगेगी।