आज लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा, बढ़ती महंगाई और तकनीकी क्रांति ने इलेक्ट्रिक वाहनों को आम आदमी की पसंद बना दिया है। लेकिन EV के साथ एक बड़ी समस्या है – इसका चार्जिंग का समय। किसी भी वाहन को पूरी तरह चार्ज होने में घंटों लग जाते थे जो लोगों के लिए असुविधाजनक था। ऐसे में बैंगलोर के विश्वप्रसिद्ध Indian Institute of Science (IISc) और Delta Electronics इंडिया ने मिलकर इस समस्या का एक असरदार और तेज़ समाधान निकाला है।
कहानी की शुरुआत : –
IISc के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कौशिक बसु और उनके शोध दल ने डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के सहयोग से एक नया सिस्टम बनाया है, जो EV को बहुत जल्दी चार्ज कर सकता है। इस सिस्टम का नाम है ‘कास्केडेड H-ब्रिज (CHB)-आधारित मल्टीपोर्ट DC कन्वर्टर’।
यह तकनीक बिजली की ग्रिड से सीधे जुड़ जाती है और भारी ट्रांसफॉर्मर की जगह इसे छोटा और कॉम्पैक्ट बनाया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि चार्जिंग स्टेशन कम जगह घेरेंगे, ऊर्जा की बचत होगी और चार्जिंग प्रक्रिया अधिक तेज और कुशल होगी।

कैसे काम करता है ये नया सिस्टम? : –
सबसे बड़ी बात यह है कि यह नया कन्वर्टर 95% से ज्यादा ऊर्जा दक्षता (efficiency) के साथ काम करता है। इसका मतलब यह कि ज्यादा बिजली व्यर्थ नहीं होती और चार्जिंग की लागत कम होती है। यह सिस्टम सीधे मीडियम-वोल्टेज AC ग्रिड से जुड़ता है जिससे ट्रांसफॉर्मर की जरूरत खत्म हो जाती है।
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स ने इस तकनीक को अपने उत्पादों में लागू किया है और अब वे 11 केवी ग्रिड लाइन से सीधे एक साथ कई EVs को चार्ज करने में सक्षम हैं। इसका मतलब यह है कि बस और कार दोनों को एक साथ फास्ट चार्जिंग दी जा सकती है।
प्रयोग और परीक्षण : –
IISc ने पहले 1.2 किलोवाट के लेबोरेटरी मॉडल पर सफलतापूर्वक इस प्रणाली का परीक्षण किया है। अब इसे बड़े स्तर पर बढ़ाया जा रहा है, ताकि मेगावाट स्तर पर भी एक साथ कई गाड़ियों को चार्ज किया जा सके। इसके लिए IISc के पास 2,500 वर्ग फुट की प्रयोगशाला है जहां इस तकनीक को और उन्नत किया जा रहा है।
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स की तरफ से पिछले कुछ सालों में भारत में 6,000 से ज्यादा EV चार्जर इंस्टाल किए जा चुके हैं, जो भारत की साफ-सुथरी और टिकाऊ स्वच्छ ऊर्जा योजना को मजबूत करते हैं।
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इससे क्या होगा आम आदमी को फायदा?
- तेज चार्जिंग का फायदा: अगर अभी EV चार्ज करने में 4-5 घंटे लगते हैं, तो इस तकनीक से यह समय बहुत कम हो जाएगा। मतलब काम के बीच या थोड़े आराम के दौरान ही चार्जिंग पूरी हो सकेगी।
- कम बिजली का खर्च: 95% से ऊपर की ऊर्जा दक्षता से आपके बिजली बिल में बचत होगी।
- अधिक वाहन चार्ज होंगे: एक साथ कई कार और बसें चार्ज होने से आपको चार्जिंग स्टेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- पर्यावरण साफ-सुथरा रहेगा: ज्यादा कुशल चार्जिंग की वजह से अक्षय ऊर्जा (सोलर) के साथ भी ज्यादा आसानी से जुड़ा जा सकेगा और प्रदूषण कम होगा।
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का योगदान : –
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स ने सिर्फ इस तकनीक को अपनाया ही नहीं, बल्कि भारत भर में जरूरी EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप किया है। इसी कंपनी ने टाटा पावर, बेंगलुरु बिजली से लेकर कई दूसरी संस्थाओं को EV चार्जर दिए हैं। उनकी तकनीक स्मार्ट, पर्यावरण हितैषी और टिकाऊ है।
भविष्य की संभावनाएं
इस नई तकनीक का लक्ष्य है अगले पांच वर्षों में भारत में EV चार्जिंग के ढांचे को पूरी तरह से बदलना और इसे विश्वस्तरीय बनाना। इससे भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी बन सकता है।