Henley Passport Index 2025 का सच : –
यार, ये पासपोर्ट का मसला हम सबके लिए बड़ा काम का होता है। विदेश घूमने का मन हो या नौकरी के लिए जाएं, पासपोर्ट की ताकत जानना जरूरी होता है। अभी हाल ही में 2025 का Henley Passport Index आया है, जो हर देश के पासपोर्ट को उसकी पावर के हिसाब से रैंक करता है – मतलब कि जानता है कि कौन-कौन से देश बिना वीजा या वीज़ा ऑन अराइवल के जा सकता है।
Henley Passport Index क्या है ?
सोचो कि एक ऐसी लिस्ट हो जो 199 देशों के पासपोर्ट की ताकत बताती हो, और वो अपने मालिक को कितने देशों में बिना वीजा के मुफ्त यात्रा करने का मौका देता हो, उसी के आधार पर रैंकिंग करती हो। ये काम करती है एक संस्था जिसका नाम है Henley & Partners और ये डाटा लेती है International Air Transport Association (IATA) से। ये इंडेक्स हर साल कई बार अपडेट होता रहता है ताकि जो भी हालात हैं, सच वही दिखे।
2025 में इंडिया का रैंकिंग : –
पिछले कुछ सालों से हम देखते आ रहे हैं कि भारत का पासपोर्ट कई जगह पीछे चला गया है। इस साल 2025 में इंडिया की रैंकिंग 85वीं हो गई है, जो जनवरी 2025 में 77वीं थी। यानी कुछ गिरावट जरूर आई है, और अब भारतीय पासपोर्ट से 57 देशों में बिना वीजा के या वीजा ऑन अराइवल के यात्रा की जा सकती है। ऐसा होता है कि नए देशों की लिस्ट में भारत को ज्यादा जगह नहीं मिल रही या कुछ देशों ने वीजा नियम कड़े कर दिए हैं।
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दुनिया के टॉप पासपोर्ट कौन से हैं ?
सिंगापुर अब भी नंबर 1 पर है जहां के पासपोर्ट से 193 देशों में बिना वीजा के पहुंचा जा सकता है। इसके बाद जापान और दक्षिण कोरिया आते हैं। यूरोप के कई देश, जैसे फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन आदि का पासपोर्ट भी सुपर स्ट्रॉन्ग माना जाता है, जिससे करीब 189 से 192 देशों में आसानी से घुमने का मौका मिलता है।

भारत के लिए क्या मायने रखती है ये रैंकिंग ?
अरे, ये रैंकिंग तब काम आती है जब हम विदेश घूमना चाहते हैं या कहीं काम पर जा रहे हैं। जिस देश के पासपोर्ट की रैंक ज्यादा होगी, उसकी नागरिकों को ज्यादा आज़ादी मिलेगी बिना वीजा के देशों में जाने की। इस साल भारत की 85वीं रैंक का मतलब है कि हमने थोड़ी पीछे धकेल दिया है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि ऊपर वाले देशों के पास पहले से बेहद मजबूत नेटवर्क है, और भारत भी धीरे-धीरे अपनी कूटनीति और वीजा मामलों में सुधार कर रहा है।
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बदलाव की गुंजाइश : –
असल में, passport power में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। कई बार राजनीतिक वजहों से, कई बार देशों के बीच संबंधों की वजह से भी देशों की वीजा नीतियां बदलती हैं। भारत ने भी पिछले कुछ सालों में कई देशों के साथ डबल टेक्नोलॉजी वीजा लगाकर, ऑनलाइन वीजा की सुविधा बढ़ाकर कोशिश की है कि भारतीय यात्रियों को ज्यादा आराम मिले।
आम आदमी के लिए सहज भाषा में : –
तो भाई, जब अगली बार विदेश जाने की सोचो तो ये भी देखना कि इंडिया का पासपोर्ट कितना ताकतवर है। 85वीं रैंकिंग का मतलब ये नहीं कि आप नहीं जा सकते, बल्कि थोड़ा ज्यादा वीजा प्रक्रिया या रोक-टोक हो सकती है। लेकिन ये इंडेक्स हमें ये समझाता है कि किस देश के लोग दुनिया में कितनी आसानी से घूम सकते हैं। इंडिया के भी कई पड़ोसी देश जैसे नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से हमारी स्थिति बेहतर है, पर कुछ देशों के मुकाबले अभी बाकी भी काम करना है।