भारत का पहला वियरेबल पेमेंट Ecosystem: IIT मद्रास muse Wearables और NPCI की नई पहल

जब तकनीक हुई और भी आसान : – 

सोचिए सुबह आप घर से निकलते हैं और फोन या कार्ड निकालने की जरूरत नहीं, बस अपनी उंगली में पहनी स्मार्ट रिंग ‘Ring One’ को बस किसी भी दुकान के NFC-enabled मशीन पर टैप करो और आपका भुगतान हो गया। बिलकुल आसान, तेज़ और सबसे बड़ी बात—सुरक्षित। यह अब कोई सपना नहीं, बल्कि IIT मद्रास की कंपनी muse Wearables ने राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के साथ मिलकर हकीकत में बदल दिया है।

Muse Wearables और NPCI का संगम : – 

Muse Wearables, जो IIT मद्रास की एक इनक्यूबेटेड कंपनी है, ने NPCI के साथ मिलकर भारत की पहली wearable payments ecosystem बनाई है। इसका मतलब अब आप अपने RuPay कार्ड को सीधे इस स्मार्ट रिंग में जोड़ सकते हैं। फिर खाते से पैसे निकालने के लिए आपको अपना फोन, कार्ड या वॉलेट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस Ring One को NFC वाले मशीन पर टैप करें और भुगतान हो जाएगा।

Ring One कैसे काम करता है ? : –

यह रिंग एकदम हाईटेक है। इसमें चैम्पियन जैसी सिक्योरिटी वाली Secure Element (SE) चिप लगी है, जो बैंक कार्ड या पासपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली तकनीक के बराबर सुरक्षा प्रदान करती है। यह चिप आपके कार्ड के सारे sensitive डाटा को फोन या दूसरी एप्स से पूरी तरह से अलग रखती है, जिससे हैकिंग या चोरी की संभावना बेहद कम हो जाती है।

भारत का पहला वियरेबल पेमेंट Ecosystem: IIT मद्रास muse Wearables और NPCI की नई पहल
भारत का पहला वियरेबल पेमेंट Ecosystem: IIT मद्रास muse Wearables और NPCI की नई पहल(image source – Muse wearables)

भू-भाग विस्तार: भारत का डिजिटल भुगतान क्रांति : –

दुनिया भर की बड़ी टेक कंपनियां डिजिटल वॉलेट सेवाओं पर हावी हैं, लेकिन Muse Wearables भारत में एक souverign यानी स्वदेशी विकल्प लेकर आई है। Bengaluru में मुख्यालय रखने वाली Muse Wearables की टीम में करीब 200 टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं, जो इस क्रांतिकारी प्रोडक्ट को डिजाइन और विकसित करते हैं। यह कंपनी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप और कई अन्य देशों में भी काम कर रही है।

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क्यों खास है यह ? : – 

आजकल हर कोई स्मार्टफोन लेकर घूमता है, लेकिन सबके पास फोन न हो या फोन खराब हो तो? कुछ लोग कार्ड या नकद लेकर चलना भी पसंद नहीं करते। ऐसे में यह स्मार्ट रिंग भुगतान को बेहद सरल और सुरक्षित बनाने वाला जादू साबित हो सकती है। इससे न केवल सुविधा बढ़ेगी, बल्कि जले हुए, गुम हुए या चोरी हुए कार्ड का खतरा भी खत्म हो जाएगा।

आगे का सफर और लक्ष्य: – 

Muse Wearables ने बताया है कि अगले दो वर्षों में वे लाखों RuPay कार्डधारकों को wearable payments का अनुभव देना चाहते हैं। उनका मानना है कि यह तकनीक सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि Tier-2 और Tier-3 शहरों तथा ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचे। इस नई टेक्नोलॉजी की वजह से नकदी के बिना भुगतान करना आम आदमी के लिए और भी आसान हो जाएगा।

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तकनीक बनाम पूरा सिस्टम : –

यह जो Ecosystem शुरू किया गया है, Muse Wallet के जरिए RuPay क्रेडिट या डेबिट कार्ड को secure digital token में बदलता है। इस डिजिटल टोकन को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखना आसान है और यह न तो आपके मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम या एप्लीकेशन के संपर्क में आता है, जिससे सुरक्षा का स्तर बढ़ जाता है।

नतीजा और उम्मीद : –

अब जब IIT मद्रास की टैक कंपनी Muse Wearables जैसी भारतीय टेक्नोलॉजी ने एक नया पैंच फेंका है डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में, तो उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में हम पैसों के आदान-प्रदान को पूरे देश में बिना फोन या कार्ड के भी सरलता से कर पाएंगे। यह तकनीक आम जनता की जिंदगी को आसान तो करेगी ही, साथ ही भारत को डिजिटल भुगतान के वैश्विक मानचित्र पर नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

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