एक नया युग : भारत सरकार की डिजिटल स्वराज की ओर बड़ी छलांग
दोस्तों, आज की दुनिया में जब हर चीज़ डिजिटल हो गई है, तो सरकार ने भी कदम बढ़ाया है ताकि अपने सरकारी कामकाज को और ज्यादा सुरक्षित, स्वदेशी और भरोसेमंद बनाया जा सके। आप जानेंगे कि भारत सरकार ने करीब 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ईमेल अकाउंट्स को जोहो (Zoho) नाम के स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर क्यों और कैसे ट्रांसफर किया है।
Zoho में ईमेल सर्वर ट्रांसफर: क्या है पूरी बात ? : –
पहले सरकारी कर्मचारियों के मेल नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के सर्वर पर चलते थे, जो कि सरकारी डेटा प्रबंधन का हिस्सा था। लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने एक नया फैसला किया कि अब ये सारे ईमेल जोहो के प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिए जाएंगे।यह ट्रांसफर लगभग एक साल से पूरे भारत सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के मेल अकाउंट्स पर लागू हो रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) समेत कई बड़े विभागों के ईमेल पहले NIC पर थे, अब वे सभी जोहो के भरोसेमंद और भारतीय-स्वामित्व वाली कंपनी के प्लेटफॉर्म पर होस्ट होंगे।
Zoho क्यों चुना गया ? : –
जोहो एक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी है, जो क्लाउड आधारित ऑफिस ऐप्स का बड़ा सेट देती है जैसे ईमेल, डॉक्यूमेंट्स, स्प्रेडशीट, प्रेजेंटेशन, आदि। सरकार का मकसद स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना, डेटा की सुरक्षा बढ़ाना और डिजिटल आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करना है।जोहो का प्लेटफॉर्म पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। सरकार ने सुरक्षा के लिए NIC और CERT-In की सलाह से काम किया है। साथ ही फिर से सुरक्षा जांच और ऑडिट भी सुनिश्चित किए जाएंगे ताकि डेटा पूरी तरह से सुरक्षित और लीक-प्रूफ रहे।
जोहो के फायदे क्या हैं ? : –
- डेटा सुरक्षा: जोहो के डेटा सेंटर भारत में हैं, इससे डेटा का विदेशी हस्तक्षेप लगभग खत्म हो गया।
- स्वदेशी प्लेटफॉर्म: असली ‘मेड इन इंडिया’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल।
- इंटीग्रेटेड ऑफिस टूल्स: मेल के साथ-साथ वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन जैसे टूल्स भी मिलते हैं।
- सिक्योरिटी अपडेट: नियमित सिक्योरिटी ऑडिट के ज़रिए हमेशा ताजा और सुरक्षित सिस्टम।
- सरल माइग्रेशन: जोहो में पहले से मौजूद लोगों और नए यूजर्स के लिए भी ईमेल माइग्रेशन आसान है।
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सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या बदला ? : –
सरकार ने सभी केंद्रीय विभागों को जोहो के ऑफिस सूट को अपनाने का आदेश जारी किया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब कर्मचारी पुराने खुले स्रोत (open-source) टूल्स का इस्तेमाल बंद कर देंगे। नया जोहो ऑफिस सूट उपयोग में आसान, सुरक्षित और ऑफिस के हर काम के लिए एक ही जगह समाधान देता है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी व्यक्तिगत ईमेल आईडी जोहो पर बना ली है और सभी से इसे अपनाने का आग्रह किया है।
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यह बदलाव क्यों जरूरी था ? : –
सरकार ने कई सालों से विदेशी और ओपन-सोर्स ईमेल व ऑफिस टूल्स का इस्तेमाल किया। लेकिन इनसे डेटा चोरी, सिक्योरिटी खतरे और विदेशी सर्वरों पर जानकारी के रहने की चिंताएं बढ़ रही थीं। स्वदेशी जोहो मंच पर माइग्रेशन से ये खतरे काफी हद तक कम हो गए हैं।
इसके अलावा, भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान भी इस कदम को सफल बनाने में मदद कर रहा है और देश की तकनीकी उन्नति को मजबूत कर रहा है।आम आदमी के नजरिए सेसरकार ने 12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के ईमेल ट्रांसफर की योजना पूरी कर दी है। इसका मतलब है कि देश के बड़े विभागों का काम अब ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी होगा। आपके सरकारी काम, संबंधित सूचनाएं और जानकारी अब स्वदेशी तकनीक के साथ पूरी तरह संरक्षित रहेगी।
अगर आप सोच रहे हैं कि आपका सरकारी काम या मेल पर इसका प्रभाव क्या होगा, तो जवाब है – बेहतर सुरक्षा, भरोसेमंदता और तेज़ी। भारत सरकार का जोहो मेल पर 12 लाख कर्मचारियों का ईमेल माइग्रेशन स्वदेशी तकनीक को मजबूत करने और डेटा सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह कदम डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में मदद करेगा। सरकार का भरोसा कि स्वदेशी तकनीक सबसे बेहतर और सुरक्षित है, हर भारतीय के लिए एक गर्व की बात है। ऐसे बदलाव सरकार की तकनीकी स्वाधीनता और डिजिटल सुरक्षा के संदेश को मजबूत करते हैं।