जन-मंच

Jojari River – सुप्रीम कोर्ट ने 2025 में suo motu (स्वयं संज्ञान) लिया

राजस्थान की जोजरी नदी /Jojari River में औद्योगिक प्रदूषण और जहरीले पानी के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 2025 में suo motu (स्वयं संज्ञान) लिया है। जोधपुर की इस Jajori River  में स्टील, टेक्सटाइल, टाइल आदि कई फैक्ट्रियों से निकलने वाला औद्योगिक कचरा सीधे नदी में डाला जा रहा है, जिससे नदी का पानी जहरीला हो गया है। इस प्रदूषण के कारण आसपास के करीब 50 से अधिक गांव और लगभग 16 से 20 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। इस नदी  उद्गम राजस्थान में नागौर जिले के पुन्दलू गांव की पहाड़ियों होता है। यह नदी जोधपुर से बहते हुए दक्षिण-पश्चिम में बालोतरा में प्रवेश करती है और फिर मजल धूधाड़ा के पास लूनी नदी में मिल जाती है।

प्रश्न और समस्या की गंभीरता : –

जोजरी नदी / Jojari River में सल्फर, लेड, कैडमियम जैसे विषैले रसायनों के प्रवेश से न केवल पानी पीने लायक नहीं रह गया है, बल्कि क्षेत्र के भूजल स्रोत भी दूषित हो गए हैं। किसान इस प्रदूषित पानी से फसलें सिंचाई करने को मजबूर हैं, जिससे फसलें खराब हो रही हैं और आसपास के गांवों में त्वचा रोग, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। इस स्थिति के कारण मानवीय स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को गंभीर खतरा पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : –

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता शामिल हैं, ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के समक्ष भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) और राज्य सरकार को तत्काल इस प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

न्यायालय के विचार : –

कोर्ट ने कहा है कि यह मामला न केवल पर्यावरण संरक्षण का है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) से जुड़ा है। उद्योगों द्वारा नदी में अपशिष्ट बहाने के कारण लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इससे पर्यावरणीय तंत्र, पशु-पक्षी, और मानव जीवन सभी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

पिछली कोशिशें और वर्तमान स्थिति : –

राजस्थान सरकार ने जोजरी नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए कई करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, लेकिन फंड का सही उपयोग न होने और कड़ी निगरानी न होने के कारण प्रदूषण कम नहीं हो पाया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कई फैक्ट्रियों को बंद किया है, लेकिन अवैध तरीके से प्रदूषण जारी है।

सुप्रीम कोर्ट के suo motu संज्ञान लेने से उम्मीद है कि जोजरी नदी प्रदूषण पर प्रभावी और कड़ा फैसला लिया जाएगा। इससे पर्यावरण संरक्षण, जनता का स्वास्थ्य, और नदी के स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने में मदद मिलेगी।
इस मामले में कोर्ट की आगे की कार्रवाई और आदेशों की प्रतीक्षा की जा रही है, जो राजस्थान की जोजरी नदी के प्रदूषण समस्या का स्थायी समाधान प्रदान कर सकेंगे .

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