फिरोज नाडियावाला ने नेटफ्लिक्स को कानूनी नोटिस भेजकर ‘कपिल शर्मा शो’ में उनके मशहूर किरदार ‘बाबूराव’ के अनाधिकृत उपयोग पर आपत्ति जताई है। यह विवाद 2025 में तब सामने आया जब नेटफ्लिक्स पर प्रसारित ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ के एक एपिसोड में कीकू शारदा को बाबूराव के किरदार में पेश किया गया। बाबूराव किरदार पहली बार फिल्म ‘हेरा फेरी’ में परेश रावल ने निभाया था और यह किरदार लंबे समय से फिरोज नाडियावाला के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के तहत संरक्षित है।
विवाद का पूरा मामला : –

फिरोज नाडियावाला और उनकी टीम का आरोप है कि ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ ने बिना अनुमति के बाबूराव के किरदार को शो में पेश किया, जो उनके ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का उल्लंघन है। शो में कीकू शारदा ने बाबूराव के लुक, बोलने का तरीका और डायलॉग्स जैसे कि “ये बाबूराव का स्टाइल है” को कॉपी किया, जो एक प्रसिद्ध और पॉपुलर किरदार है। इससे पहले नेटफ्लिक्स ने अक्षय कुमार के साथ किए गए एक एपिसोड का प्रोमो भी जारी किया था, जिसमें बाबूराव के किरदार का इस्तेमाल किया गया था। फिरोज की टीम ने इसे बौद्धिक संपदा का उल्लंघन बताते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी है।
कानूनी नोटिस और मांगें : –
प्रसिद्ध वकील सना रईस ने फिरोज नाडियावाला की ओर से नेटफ्लिक्स और शो की प्रोडक्शन कंपनी को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि बाबूराव किरदार न केवल कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 51 और 14 का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि यह ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 29 के तहत भी गैरकानूनी है क्योंकि यह एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है।
फिरोज नाडियावाला की टीम ने नेटफ्लिक्स से मांग की है कि वे तुरंत उस एपिसोड को हटाएं, बाबूराव किरदार वाले कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और अन्य चैनलों से हटाएं और लिखित रूप में आश्वासन दें कि बिना अनुमति इसका पुनः उपयोग नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, 24 घंटे के भीतर माफी मांगने और 25 करोड़ रुपये का मुआवजा भुगतान करने को कहा गया है। अगर नेटफ्लिक्स इन मांगों को नहीं मानता है, तो फिरोज टीम सिविल और क्रिमिनल कानूनी कार्रवाई करेगा।
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बौद्धिक संपदा का महत्व :-
यह मामला बॉलीवुड और ओटीटी उद्योग के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा की जरूरत को दर्शाता है। बाबूराव किरदार की लोकप्रियता और उसकी सांस्कृतिक विरासत को सेना की तरह संगठित किया गया है, इसलिए इसका बिना अनुमति उपयोग निर्माता की मेहनत और प्रदर्शन का उल्लंघन करता है। यह मामला कलाकारों और प्रोड्यूसरों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रूप से उठाए जाने वाले कदमों का उदाहरण है।
शो पर कानूनी संकट :-
कपिल शर्मा के शो के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि यह विवाद देश में कंटेंट क्रिएशन और डिजिटल मीडिया पब्लिशिंग के नियमों के प्रति सजगता बढ़ा सकता है। नेटफ्लिक्स और शो की प्रोडक्शन टीम को सावधानी बरतनी होगी कि वे कलाकारों और निर्माताओं के अधिकारों का सम्मान करें ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
फिरोज नाडियावाला का नेटफ्लिक्स के खिलाफ यह मुकदमा बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा का मजबूत उदाहरण है। यह विवाद केवल कानूनी लड़ाई नहीं बल्कि क्रिएटिविटी, सम्मान और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा का मामला है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि नेटफ्लिक्स इस मामले को कैसे हल करता है और क्या वे फिरोज नाडियावाला के अधिकारों का सम्मान करते हुए विवाद का समाधान करते हैं।
इस केस से बॉलीवुड, ओटीटी और कॉमेडी इंडस्ट्री को यह सन्देश मिलेगा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की अनदेखी या उल्लंघन पर सख्त कानूनी परिणाम हो सकते हैं और कॉपीराइट का उल्लंघन गंभीर अपराध है।