India AI Governance Guidelines 2025: सुरक्षित और जिम्मेदार AI के लिए नई पहल

MeitY ने लॉन्च की India AI Governance Guidelines : एक नई राह सुरक्षित और ज़िम्मेदार AI के लिए

आज की दुनिया में Artificial Intelligence यानी AI हर जगह इस्तेमाल हो रहा है। चाहे मोबाइल फोन हो, स्वास्थ्य सेवा हो, या फिर सरकारी योजनाएँ—AI ने हमारी ज़िन्दगी के हर हिस्से में अपनी जगह बना ली है। लेकिन जितना ये ताकतवर है, उतना ही जरूरी है इसे सुरक्षित और ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल करना। इसी सोच के साथ भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने हाल ही में India AI Governance Guidelines जारी की हैं। ये गाइडलाइंस सुरक्षित, समावेशी और ज़िम्मेदार AI के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क हैं।

India AI मिशन और यह पहल : –

ये पहल Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) के IndiaAI मिशन के तहत शुरू हुई है। इसका मकसद है देश में AI टेक्नोलॉजी को इस तरह से विकसित करना कि वह सभी वर्गों को लाभ पहुँचाए और समाज में किसी भी तरह की अनियमितता या नुकसान न हो। इसके तहत कई विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और सरकारी अधिकारी मिलकर गाइडलाइंस तैयार कर रहे हैं, जिन्हें हाल ही में सार्वजनिक किया गया।

गाइडलाइंस में क्या है खास ? : –

1.सात मूल सिद्धांत (Seven Guiding Principles) : जैसे-

  • “कोई नुकसान न हो (Do No Harm)”,
  • निष्पक्षता (Fairness),
  • पारदर्शिता (Transparency),
  • जवाबदेही (Accountability),
  • समावेशकता (Inclusivity),
  • डेटा की गोपनीयता (Privacy), और
  • सतत विकास (Sustainability)।
India AI Governance Guidelines 2025: सुरक्षित और जिम्मेदार AI के लिए नई पहल
India AI Governance Guidelines 2025: सुरक्षित और जिम्मेदार AI के लिए नई पहल (image source – PIB)

2. छह स्तंभ (Six Pillars) जो शासन को मजबूत करेंगे :

  • डाटा की देख-रेख,
  • जोखिम कम करना,
  • नियमों का पालन,
  • नवाचार को बढ़ावा देना,
  • जनता की सहभागिता, और
  • वैश्विक सहयोग।

 

3. कार्य योजना (Action Plan) : –

  • छोटे, मध्यम और लंबे समय के लक्ष्य तय किए गए हैं ताकि AI का विकास सुचारु रूप से हो।
  • व्यावहारिक दिशानिर्देश (Practical Guidelines): ये डेवलपर्स, बिजनेस और सरकारी विभागों के लिए बनाए गए हैं ताकि AI का इस्तेमाल जिम्मेदारी से हो और
  • तकनीक की सटीक निगरानी हो।

क्यों ज़रूरी है ये गाइडलाइंस ? : –

AI अगर बिना सही नियंत्रण के उपयोग हो तो यह निजता, सुरक्षा और समाज पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई AI सिस्टम पक्षपाती निर्णय ले, या साथ ही किसी की व्यक्तिगत जानकारी का गलत इस्तेमाल हो तो समस्या बढ़ जाएगी। इन गाइडलाइंस का मकसद है कि ऐसी जोखिमों को कम किया जा सके और तकनीक से हर कोई सुरक्षित रहे।

आम आदमी की नजर में  : –

सोचिए, जब आप डिजिटल बैंकिंग कर रहे हों या हेल्थ ऐप इस्तेमाल कर रहे हों, तो आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहनी चाहिए, और सिस्टम आपके लिए सही फैसले लेकर आपको धोखा न दे। India AI Governance Guidelines यही सुनिश्चित करती हैं कि AI का हर इस्तेमाल आपके और पूरे समाज के हित में हो।

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भारत का वैश्विक नेतृत्व : –

Prof. Ajay Kumar Sood, जो Principal Scientific Adviser हैं, उन्होंने कहा है कि “Do No Harm” यानी “कोई नुकसान न हो” इस पूरी गाइडलाइन की आत्मा है। भारत न केवल AI में नवाचार को बढ़ावा देना चाहता है, बल्कि इसे एक ज़िम्मेदार और विश्वसनीय तरीके से करना चाहता है। इससे भारत को दुनिया में AI नेतृत्व का दर्जा मिलेगा साथ ही आम नागरिकों का हित भी सुरक्षित रहेगा।

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आगे की राह : –

इंडिया AI मिशन के तहत यह गाइडलाइन सिर्फ शुरुआत हैं। इनके जरिये भारत की तकनीक, उद्योग और नीति निर्माता मिलकर एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) बनाएंगे जो तकनीक को हर हाथ तक पहुँचाने के साथ-साथ उसका सुरक्षित और समावेशी इस्तेमाल भी सुनिश्चित करेगा। भविष्य में इससे सरकार, व्यवसाय और आम लोग सभी को फायदा होगा।

यह पूरी जानकारी Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) के हालिया आधिकारिक बयान, प्रेस रिलीज और विशेषज्ञों की टिप्पणियों पर आधारित है। इसे सरल भाषा में इसलिए लिखा गया है ताकि आम लोग भी तकनीकी विषय को बिना जटिलता के समझ सकें और AI के सुरक्षित उपयोग के महत्व को समझ सकें।

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