आज बात होगी Microsoft Azure के अचानक डाउन होने की घटना के बारे में, जो हाल ही में अक्टूबर 2025 में हुई। अगर आपको क्लाउड कंप्यूटिंग या Microsoft के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का थोड़ा-बहुत ज्ञान भी है, तो आप समझ पाएंगे कि इस तरह की समस्या कितनी बड़ी और प्रभावित करने वाली हो सकती है।
अक्टूबर 29, 2025 को Microsoft Azure का वैश्विक स्तर पर बड़ा आउटेज यानी सेवा बंद होने की समस्या सामने आई। यह समस्या Azure की एक महत्वपूर्ण सर्विस Azure Front Door में हुई व कॉन्फिगरेशन (Configuration) के चलते पड़ी गलती की वजह से हुई। Azure Front Door, Microsoft का कंटेंट और एप्लीकेशन डिलीवरी नेटवर्क है, जो दुनिया भर में डेटा और सेवाओं को जल्दी और सुरक्षित तरीके से यूजर्स तक पहुंचाता है।
इस गलती के कारण कई बड़ी सर्विसेज जैसे Microsoft 365, Outlook, Xbox Live और Copilot समेत कई अन्य प्रभावित हुए, कई घंटों तक उपयोगकर्ता इन सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाए। पूरी दुनिया के लाखों उपयोगकर्ता इससे प्रभावित हुए, जिससे कामकाज, संचार और एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में अड़चन आई।

कहानी की शुरुआत यूं हुई कि जैसे ही 29 अक्टूबर की दोपहर करीब 8 बजे भारतीय समय के अनुसार, यह DNS में गड़बड़ी सामने आई, तो कई क्लाउड आधारित एप्लीकेशंस और वेबसाइट्स ने जवाब देना बंद कर दिया। इसके पीछे कंपनी ने बताया कि एक कॉन्फिगरेशन परिवर्तन ने इस समस्या को जन्म दिया, जिससे पूरे सिस्टम में कड़ी प्रभाव डाला गया। खास बात ये है कि Microsoft की टेक्निकल टीम ने तुंरत इस समस्या की जांच शुरू कर दी और समस्या का पता लगाकर उसे सुधारने का काम शुरू किया।
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उसके बाद क्या हुआ ?
Microsoft ने ‘last known good configuration’ लगाने का फैसला किया, यानी कि वे सिस्टम को उसकी पिछली कामकाजी स्थिति में वापस ले आए। इस प्रक्रिया में लगभग 6 से 7 घंटे लगे, और धीरे-धीरे सेवा बहाल होने लगी। इस दौरान कई यूजर्स और बिज़नेस ऑन और ऑफलाइन दोनों तरह की समस्याओं का सामना कर रहे थे। यह आउटेज सिर्फ टेक कंपनियों को ही नहीं, बल्कि एयरलाइंस (जैसे Alaska Airlines), कुछ सरकारी सेवाओं और दूसरे सेक्टर्स को भी प्रभावित कर रहा था।
इस घटना ने हमें एक बार फिर समझाया कि तकनीक चाहे कितनी ही एडवांस क्यों ना हो, उसमें भी इंसानी गलती या कॉन्फिगरेशन की छोटी चूक बड़ी परेशानियां ला सकती है। साथ ही ये भी पता चला कि क्लाउड सेवाओं का भरोसा इसलिए भी स्थिर नहीं रहता कि ये पूरी तरह नेटवर्क और कॉन्फिगरेशन पर निर्भर होती हैं।
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Microsoft ने इस समस्या के बारे में उपयोगकर्ताओं को अपडेट देते हुए कहा कि अभी वे पूरी तरह से इस मुद्दे का समाधान करने की प्रक्रिया में हैं, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वे ज्यादा कड़े सुरक्षा उपाय करेंगे। साथ ही उन कंपनियों के लिए यह चेतावनी भी थी जो अपने डेटा और सर्विसेज Microsoft Azure जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर रखते हैं कि उन्हें अपनी बहुमुखी सुरक्षा और बैकअप योजनाओं पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि किसी भी आउटेज की स्थिति में ऑपरेशन प्रभावित न हो।
यह घटना यह भी सिखाती है कि जैसे-जैसे हम डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, इस तरह की रिस्क को समझना और उसके लिए तैयार रहना कितना ज़रूरी होता जा रहा है। डाटा सेंटर या क्लाउड सर्विसेज बिगाड़ने वाली किसी भी समस्या से बचने के लिए रेडंडेंसी, फॉल बैक ऑप्शन्स और मल्टी-क्लाउड स्ट्रैटेजी अपनाना अब अनिवार्य होता जा रहा है।
