नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम: जानें उनकी नई सरकार के 26 मंत्रियों के नाम

नीतीश की 10वीं बार ताजपोशी: जानें कौन-कौन बना मंत्री और मुस्लिम प्रतिनिधित्व का क्या है हाल

 इतिहास रच दिया नीतीश कुमार ने

भाई, बिहार की राजनीति में एक बार फिर इतिहास बन गया है। 20 नवंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हां, आपने सही पढ़ा – “10वीं बार”! ये कोई मामूली बात नहीं है। पूरे देश में शायद ही कोई ऐसा नेता हो जो इतनी बार किसी राज्य का मुख्यमंत्री बना हो।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत एनडीए के सभी बड़े नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। जाहिर है, ये कार्यक्रम कितना अहम था।

 किस पार्टी को मिले कितने मंत्री ? : – 

अब आते हैं असली मुद्दे पर – नीतीश की नई कैबिनेट में कौन-कौन बना मंत्री? एनडीए गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 243 में से 202 सीटें जीती थीं। इसमें भाजपा ने 89, जदयू ने 85, लोजपा (रामविलास) ने 19, हम ने 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 4 सीटें जीती थीं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली। इन मंत्रियों को पार्टियों में कुछ इस तरह बांटा गया :

नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम: जानें उनकी नई सरकार के 26 मंत्रियों के नाम
नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम: जानें उनकी नई सरकार के 26 मंत्रियों के नाम ( image – hindustan )

भारतीय जनता पार्टी (BJP) – 14 मंत्री
भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते 14 मंत्री पद हासिल किए। इनमें दो उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं :

1. सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री) – मुंगेर से
2. विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री) – लखीसराय से
3. मंगल पांडेय
4. नितिन नवीन – बांकीपुर से
5. रामकृपाल यादव
6. डॉक्टर दिलीप जायसवाल
7. लखेंद्र पासवान
8. श्रेयसी सिंह
9. प्रेम कुमार
10. सुरेंद्र मेहता
11. राणा रणधीर
12. गायत्री देवी
13. विजय कुमार खेमका
14. डॉक्टर प्रमोद कुमार चंद्रवंशी

जनता दल (यूनाइटेड) – 8 मंत्री
जदयू कोटे से 8 मंत्री बनाए गए (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़कर) :

1. विजय कुमार चौधरी – सरायरंजन, समस्तीपुर से
2. अशोक चौधरी – एमएलसी, पटना से
3. सुनील कुमार – गोपालगंज से
4. विजेंद्र प्रसाद यादव – सुपौल से
5. श्रवण कुमार – नालंदा से
6. लेसी सिंह – पूर्णिया से
7. मदन सहनी – बहादुरपुर से
8. जमा खान – चैनपुर, कैमूर से

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – 2 मंत्री
चिराग पासवान की पार्टी से दो मंत्री :

1. संजय पासवान – बखरी से
2. संजय सिंह – महुआ से (इन्होंने तेज प्रताप यादव को हराया था)

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) – 1 मंत्री
जीतन राम मांझी की पार्टी से:

1. संतोष कुमार सुमन – गया से (जीतन राम मांझी के बेटे)

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) – 1 मंत्री
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से :

1. दीपक प्रकाश – नॉन-इलेक्टेड मंत्री (उपेंद्र कुशवाहा के बेटे)

मुस्लिम प्रतिनिधित्व का क्या है हाल ?

अब बात करते हैं मुस्लिम प्रतिनिधित्व की। 27 सदस्यीय मंत्रिमंडल (मुख्यमंत्री सहित) में सिर्फ एक मुस्लिम मंत्री हैं – मोहम्मद जमा खान। वे जदयू कोटे से कैमूर के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।

जमा खान की कहानी दिलचस्प है। 2020 में उन्होंने बसपा के टिकट पर पहली बार चुनाव जीता था और बिहार विधानसभा में बसपा के इकलौते विधायक बने थे। लेकिन तीन महीने बाद ही जनवरी 2021 में उन्होंने बसपा छोड़ दी और जदयू में शामिल हो गए। नीतीश कुमार ने तुरंत उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया।

इस बार भी जमा खान ने जदयू से चुनाव लड़ा और राजद के बृज किशोर बिंद को हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण के दौरान जमा खान को भी गमछा पहनाकर स्वागत किया, जो अपने आप में एक अहम संकेत है।

नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम: जानें उनकी नई सरकार के 26 मंत्रियों के नाम
नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम: जानें उनकी नई सरकार के 26 मंत्रियों के नाम ( image – facebook )

जातीय समीकरण की बात करें तो…

नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में जातीय संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया है :

– दलित समुदाय – 5 मंत्री (सबसे ज्यादा)
– राजपूत समाज – 4 मंत्री
– कुशवाहा (कोइरी) – 3 मंत्री
– भूमिहार, कुर्मी, यादव, वैश्य और मल्लाह – 2-2 मंत्री
– ब्राह्मण, कायस्थ, मुस्लिम और ईबीसी – 1-1 मंत्री

साफ है कि नीतीश ने हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कोशिश की है।

पुराने चेहरे या नए ?

दिलचस्प बात ये है कि पिछली सरकार के 19 मंत्रियों को इस बार जगह नहीं मिली। इनमें पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, नीरज सिंह बब्लू, केदार प्रसाद गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। वहीं 12 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

जदयू ने अपने सभी 8 मंत्रियों को रिपीट किया है, जबकि भाजपा ने सिर्फ 5 मंत्रियों को दोबारा मौका दिया और 6 नए चेहरे शामिल किए हैं।

क्या है इस सरकार की खासियत ?

ये नीतीश कुमार का 10वां कार्यकाल है और वो अब 19 साल से बिहार की सत्ता में हैं। वो देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं।

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इस बार की सरकार में एनडीए के सभी पांच घटक दल – भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो को प्रतिनिधित्व मिला है। ये दिखाता है कि गठबंधन में सभी भागीदारों को साथ लेकर चलने की कोशिश की गई है।

आगे क्या ?

अब सवाल ये उठता है कि क्या इतने मजबूत जनादेश के साथ नीतीश सरकार बिहार का विकास कर पाएगी? एनडीए ने चुनाव में ये वादा किया था कि वो बिहार को देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल कराएंगे।

मुस्लिम समुदाय के लिए सिर्फ एक मंत्री होना कई लोगों को कम लग सकता है, लेकिन जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिलने की उम्मीद है।

अब देखना ये होगा कि नीतीश कुमार की ये 10वीं पारी कैसी रहती है और क्या वो बिहार की तस्वीर बदल पाते हैं। एक बात तो तय है – बिहार की राजनीति में अभी बहुत कुछ देखने को मिलेगा!

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