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विदेशी डाटाबेस की जगह ShaktiDB कैसे लाएगा डिजिटल क्रांति

विदेशी डाटाबेस की जगह ShaktiDB कैसे लाएगा डिजिटल क्रांति

विदेशी डाटाबेस की जगह ShaktiDB कैसे लाएगा डिजिटल क्रांति(image source- theindian express )

इंडिजिनस डाटाबेस जैसे ShaktiDB: अब विदेशी डाटाबेस पर निर्भरता कम होगीकहानी की शुरुआत: हमारे डिजिटल भरोसे की असली तस्वीरहर रोज़ की ज़िंदगी में स्मार्टफोन, बैंकिंग ऐप, अस्पताल का रिकॉर्ड या स्कूल का सर्टिफिकेट—हर चीज़ किसी-न-किसी डेटाबेस पर टिकी होती है।

लेकिन सोचिए, ये डाटाबेस अधिकतर विदेशी कंपनियों के होते हैं। आगे कुछ भी हो, उनके मोल लेना, लाइसेंस का चक्कर, या जानकारी शेयर करने की मजबूरी जैसी टेढ़ी बातें आम आदमी को नहीं दिखती, लेकिन देश के लिए ये बड़ी चिंता का विषय है।

ShaktiDB कैसे लाएगा बदलाव ? : –

IIT मद्रास के रिसर्चर्स ने जो ShaktiDB बनाया है, वो एक पूरी तरह देशी—भारत में ही बनी—डाटाबेस है। इसमें दो-तीन खास बातें हैं—

 

विदेशी डाटाबेस पर निर्भरता के खतरे : –

मानिए, कभी किसी विदेशी कंपनी ने लाइसेंस देना बंद कर दिया या ख़ुद ही महंगा कर दिया, तो लाखों भारतीय बैंक, स्कूल, अस्पताल सब एक झटके में फंस सकते हैं। वैसे ही जैसे दुनिया के कई देशों ने अपने-अपने डाटाबेस में बदलाव किए—चीन ने तो अपनी कंपनियों (जैसे Alibaba) के लिए सरकारी डाटाबेस बना लिया।

विदेशी डाटाबेस की जगह ShaktiDB कैसे लाएगा डिजिटल क्रांति(image source- ShaktiDB)

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देशी डाटा का महत्व : –

देशी डाटाबेस का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से डेटा सेव होता है। मसलन, भारत के अलग-अलग राज्यों की बीमारी, खेती-बाड़ी, शिक्षा की समस्याएं और हमारे लोकल टोटके-सलाहें भी उसी में मिल सकती हैं। इससे आपदा हो या कोई नया सिस्टम बनाना हो, फैसला सही और जल्दी लिया जा सकता है।

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आम आदमी का फायदा : –

देश का डेटा, देश के हाथ—यही असली आत्मनिर्भरता है, और ShaktiDB जैसे प्रोजेक्ट इसमें बड़ा रोल निभा रहे हैं

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