पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष के तौर पर अपनी वापसी कर दी है। 22 सितंबर, 2025 को कोलकाता में हुई CAB की वार्षिक आम बैठक (AGM) में गांगुली को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। यह उनके लिए दूसरी बार इस पद पर आसीन होने का मौका है, इससे पहले वह 2015 से 2019 तक इस पद पर रह चुके थे। इस बार वह अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली की जगह ले रहे हैं, जिन्हें लोढ़ा समिति के निर्देशानुसार छह साल के कार्यकाल सीमा के कारण पद छोड़ना पड़ा था।
गांगुली की वापसी का मतलब क्या?
सौरव गांगुली की वापसी को बंगाल क्रिकेट के लिए नई शुरुआत माना जा रहा है। पिछले कुछ समय में CAB को वित्तीय अनियमितताओं और विश्वसनीयता के मुद्दों का सामना करना पड़ा है, साथ ही बंगाल की रणजी ट्रॉफी टीम का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा है। गांगुली ने बताया कि उनका फोकस बंगाल के प्रथम श्रेणी क्रिकेट को मजबूत बनाना, बंगाल प्रो टी20 लीग को बढ़ावा देना, महिला क्रिकेट के विकास पर ध्यान देना और जमीनी स्तर पर क्रिकेट के ढांचे को सुदृढ़ करना होगा। उन्होंने कहा, “क्रिकेट प्रणाली को आगे बढ़ाना होगा और मैं खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सहयोग मुहैया कराने की पूरी कोशिश करूंगा।”

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चुनौतियां और जिम्मेदारियां
CAB की अगली कार्यकारिणी में नामित अन्य पदाधिकारी भी निर्विरोध चुने गए हैं। इनमें वाइस प्रेसिडेंट के लिए नितीश रंजन दत्ता, सचिव के लिए बबूल कोले, संयुक्त सचिव के लिए मदन घोष और कोषाध्यक्ष के लिए संजय दास शामिल हैं। हालांकि गांगुली का दूसरा कार्यकाल चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि संघ पर वित्तीय कदाचार के आरोप लगने के साथ-साथ टीम का प्रदर्शन भी सुधार की मांग कर रहा है। हाल ही में वित्त समिति के सदस्य सुब्रत साहा पर हितों के टकराव के आरोप साबित होने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था और सचिव देबब्रत दास को ड्यूटी से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। यह सब गांगुली के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
गांगुली की भूमिका और योजनाएं
गांगुली ने कहा कि वह बंगाल के रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों से बात करने की कोशिश करेंगे ताकि टीम के लिए सही चयन हो सके, क्योंकि खिलाड़ियों की संख्या से ज्यादा उनके कौशल पर ध्यान देना जरूरी है। उनकी ये भी योजना है कि ईडन गार्डन्स में आने वाले बड़े क्रिकेट आयोजनों जैसे भारत-विरुद्ध दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच, टी20 वर्ल्ड कप और बंगाल प्रो टी20 लीग का सफल आयोजन हो। गांगुली का उद्देश्य है कि बंगाल क्रिकेट को फिर से मजबूती मिले और युवा प्रतिभाओं को मंच मिल सके।
बीसीसीआई से गांगुली का अहम अनुभव
गांगुली ने 2019 से 2022 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है। इस अनुभव को लेकर वे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन में सुधार और प्रगति के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं। उनके नेतृत्व में CAB प्रशासनिक और वित्तीय मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। उनके आने से उम्मीद है कि बंगाल क्रिकेट में व्यवस्थागत बदलाव देखने को मिलेगा।