भारत के महाराष्ट्र में एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा जल्द ही शुरू होने वाली है। इसमें सरल भाषा में समझाया जाएगा कि स्टारलिंक क्या है, यह कैसे काम करती है, महाराष्ट्र में इसे क्यों लाया जा रहा है और आम जनता के लिए इसके क्या फायदे होंगे।
स्टारलिंक क्या है ? : –
स्टारलिंक एलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में हजारों छोटे-छोटे उपग्रहों का एक नेटवर्क बनाया गया है। ये उपग्रह दूर-दराज़ इलाकों तक तेज और भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाने के लिए काम करते हैं। पारंपरिक केबल या मोबाइल नेटवर्क की तुलना में स्टारलिंक इंटरनेट की स्पीड बहुत तेज होती है और इसमें विलंब यानी लेटेंसी भी कम होती है। यह खासतौर पर उन इलाकों के लिए वरदान है जहां अब तक नेट का कनेक्शन धीमा या अनियमित था।
स्टारलिंक इंटरनेट कैसे काम करता है ? : –
यह समझना जरूरी है कि स्टारलिंक किसी एक बड़े उपग्रह पर निर्भर नहीं करता। इसके सैटेलाइट्स 540 से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चारों ओर तेजी से घूमते हैं। यूजर के घर पर एक खास डिश एंटीना और राउटर लगाए जाते हैं जो इन उपग्रहों से सिग्नल पकड़ते हैं। जब आप इंटरनेट पर कुछ खोजते हैं या वेबपेज खोलते हैं, तो आपकी रिक्वेस्ट सैटेलाइट तक जाती है, फिर ग्राउंड स्टेशन तक और वहां से वापस। इस पूरे चक्र में लेटेंसी मात्र 20 से 40 मिलीसेकंड के बीच रहती है, जो पारंपरिक इंटरनेट की तुलना में कहीं बेहतर है।
महाराष्ट्र में स्टारलिंक क्यों और कैसे ? : –
महाराष्ट्र सरकार ने स्टारलिंक के साथ एक समझौता किया है ताकि राज्य के दूर-दराज और पिछड़े इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाई जा सके। जैसे गडचिरोली, नंदुरबार, धरणशिव जैसे जिले जहां इंटरनेट की सुविधा अभी सीमित है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रोजेक्ट की तारीफ की है और बताया कि इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। अब तक पारंपरिक नेटवर्क न होने की वजह से इन इलाकों में डिजिटल सेवाओं का लाभ कम लोग उठा पाते थे, अब उस डिजिटल डिवाइड यानी अंतर को खत्म किया जा सकेगा।

आम लोगों के लिए क्या बदलाव आएंगे ? : –
एक आम इंसान की सोचिए, जहां बच्चे ऑनलाइन क्लास में आसानी से भाग ले सकेंगे, डॉक्टर टेली-मेडिसिन के जरिए दूर बैठे मरीजों को देख सकेंगे और किसान मौसम या मंडी की जानकारी तुरंत पा सकेंगे। ऑफिस या व्यापार भी ऑनलाइन बढ़ेगा। गांव-देहात में डिजिटल शिक्षा, हेल्थकेयर, बैंकिंग और सरकारी योजनाओं की पहुंच आसान होगी।
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स्टारलिंक की लागत और चुनौतियां : –
स्टारलिंक की सर्विस पाने के लिए यूजर को एक खास किट खरीदनी होती है, जिसका खर्च करीब 33,000 रुपये है। इसके अलावा महिने का किराया लगभग 3,000 रुपये हो सकता है। हालांकि यह खर्च अभी कुछ परिवारों के लिए ज्यादा लग सकता है, पर धीरे-धीरे जब सेवा आम होगी तो लागत में भी कमी आएगी।
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कुछ तकनीकी और गोपनीयता की चिंताएं भी उठी हैं, जैसे डेटा सिक्योरिटी और विदेशी कंपनी द्वारा सेवा प्रदान करना। सरकार इस पर नजर रख रही है और नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी ले रही है।
भविष्य में क्या उम्मीदें हैं ? : –
स्टारलिंक न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत में डिजिटल क्रांति लेकर आएगा। खासतौर पर ऐसे इलाके जहां आज भी नेट का कनेक्शन सपने जैसा है, वहां यह सेवा जिंदगी बदल देगी। इंटरनेट की पहुंच हर किसी तक होगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सरकारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।