दिल्ली-एनसीआर में दिवाली 2025: सुप्रीम कोर्ट ने दी ग्रीन पटाखे फोड़ने की मंजूरी

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों की मंजूरी –

दोस्तों, दिवाली का त्योहार है खुशियों और रोशनी का, पर साथ ही ये त्योहार होता है प्रदूषण से भी जुझू। पिछले कई सालों से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सख्त पाबंदी लगी हुई थी, ताकि हवा की क्वालिटी और लोगों की सेहत बनी रहे। लेकिन इस साल 2025 की दिवाली पर एक बड़ी खबर आई है – सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे फोड़ने की मंजूरी दे दी है।

हरित पटाखे ? ये क्या होते हैं ?

हमें पता है कि पुराने पटाखे हवा में जहरीले धुएं और कण छोड़ते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है और प्रदूषण बढ़ता है। ग्रीन पटाखे ये वादा करते हैं कि ये कम प्रदूषण करते हैं। इन पटाखों में खास तौर पर नाइट्रेट और सल्फर के उपयोग को कम किया गया होता है, जिससे वातावरण में कणों की मात्रा कम होती है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है ?

सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि इस साल 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक ही ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति होगी। वो भी सुबह 6 बजे से 7 बजे तक, और फिर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि सिर्फ NEERI (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) द्वारा प्रमाणित पटाखों की ही बिक्री होगी, ताकि नकली पटाखों से हो सकने वाले नुकसान से बचा जा सके।

नियम-कायदे और सख्ती : –

इस दौरान पुलिस और अन्य अधिकारी गश्ती दल बनाएंगे और पटाखों की बिक्री और जलाने की निगरानी करेंगे। अगर कोई बिना क्यूआर कोड वाले या नकली पटाखे पकड़े गए, तो उनके लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिए जाएंगे। साथ ही, दिल्ली-एनसीआर में बाहर से पटाखे लाने पर पूरी तरह रोक रहेगी। यह सब कुछ प्रदूषण और जानलेवा धुएं से लड़ाई का हिस्सा है।

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आम आदमी का नजरिया : –

अब सोचिए, एक तरफ दिवाली मनाने की खुशी, दूसरी तरफ हमारे छोटे-मोटे बच्चों और बूढ़ों की सांस। इस बार ग्रीन पटाखों की इजाजत मिलने से कुछ हद तक प्रदूषण कम रहने की उम्मीद बनती है। लोग ये भी सोच रहे हैं कि कम से कम कोरोना जैसी बीमारी से जूझते-खाते अब थोड़ी राहत तो मिले।

लेकिन दूसरी ओर सवाल ये भी उठ रहे हैं कि केवल 4 दिन की अनुमति और उससे भी सीमित समय पर क्या यह बहस खत्म कर देगा? कई लोग कहते हैं कि जरूरी है कि हम व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी लें और पारंपरिक, ज्यादा प्रदूषित पटाखे न जलाएं। कई कलाकार, डॉक्टर और पर्यावरणविद भी इस फैसले को राजनीतिक संतुलन की तरह देख रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली 2025: सुप्रीम कोर्ट ने दी ग्रीन पटाखे फोड़ने की मंजूरी
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली 2025: सुप्रीम कोर्ट ने दी ग्रीन पटाखे फोड़ने की मंजूरी(image source – hindustan times)

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क्या ग्रीन पटाखे सचमुच कम प्रदूषित हैं ?

सुप्रीम कोर्ट ने खुद स्वीकार किया है कि कोविड काल को छोड़कर पिछले कुछ वर्षों में पटाखों ने हवा की गुणवत्ता में ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया, और ग्रीन पटाखों ने पहले से प्रदूषण को काफी कम किया है। ये नए पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में प्रदूषण कम छोड़ते हैं, लेकिन फिर भी प्रदूषण से पूरी तरह छूट नहीं मिलती। इसलिए लोगों को संयम बरतना होगा।

इस दिवाली खुशियां भी, सावधानी भी : –

तो भैया, इस साल दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर के लोग ग्रीन पटाखों से जश्न मना सकते हैं, पर ये जिम्मेदारी हमारे कंधों पर भी है कि हम पर्यावरण का ध्यान रखें। पटाखों का शोर कम, धुआं कम, और उल्लास ज़्यादा हो – ये हम सबकी चाहत होनी चाहिए।अंत में, दिवाली के दीयों की तरह हमारी सोच भी उज्जवल हो, प्रदूषण नहीं। और इस छोटी-सी जीत में, सुप्रीम कोर्ट ने जो रास्ता दिखाया है, उसे हम सब मिलकर बेहतर बनाएंगे।

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