पहले तो ऐसा लगता था कि टीचर सब जानते हैं। लेकिन अब ज़माना बदल गया है। बच्चे स्मार्ट हो गए हैं, टेक्नोलॉजी आ गई है, और पढ़ाने का तरीका भी बदलना ज़रूरी हो गया है। इसी को समझते हुए CBSE ने 2025 में एक बड़ा कदम उठाया है—शिक्षकों के लिए 14 नए प्रोफेशनल कोर्स लॉन्च किए हैं, ताकि टीचर भी अपडेट रहें और बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
अब बात करते हैं आम भाषा में—क्या है ये कोर्स, किसके लिए हैं, और कैसे मदद करेंगे।
CBSE ने इन कोर्स को “Capacity Building Programmes” यानी CBP नाम दिया है। ये कोर्स नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के हिसाब से बनाए गए हैं। इनका मकसद है कि टीचर सिर्फ किताबें न पढ़ाएं, बल्कि बच्चों को सोचने, समझने और सवाल पूछने की आदत डालें।
ये कोर्स अक्टूबर 2025 से शुरू हो रहे हैं और CBSE के “Prashikshan Triveni” नाम के इनिशिएटिव के तहत चलाए जाएंगे। यानी हर CBSE स्कूल को कहा गया है कि अपने टीचरों को इन कोर्स में भेजें।
ये भी पढ़े : – बिहार में 2025 की दरोगा भर्ती का नोटिफिकेशन आ चुका है

अब जानिए कौन-कौन से कोर्स हैं:
– हिंदी भाषा (कक्षा 10): इसमें टीचरों को सिखाया जाएगा कि कैसे बच्चों को कहानी, कविता और व्याकरण को मज़ेदार तरीके से पढ़ाया जाए।
– संस्कृत: सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना—चारों स्किल्स को कैसे मज़बूत किया जाए, इस पर फोकस है।
– पेंटिंग: फोक आर्ट, ओरिगामी, प्रिंटमेकिंग और कैलीग्राफी जैसे क्रिएटिव तरीकों से बच्चों को कला सिखाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
– इकोनॉमिक्स (कक्षा 12): नेशनल इनकम जैसे टॉपिक को आसान और समझने लायक बनाने के लिए खास मॉड्यूल तैयार किए गए हैं।
– STEM एजुकेशन: साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स को एक साथ जोड़कर पढ़ाने की टेक्निक सिखाई जाएगी।
– स्पोर्ट्स के ज़रिए वैल्यू एजुकेशन: खेलों के ज़रिए बच्चों में टीमवर्क, रिस्पेक्ट और इनक्लूजन की भावना कैसे लाई जाए, इस पर फोकस है।
– कंपिटेंसी बेस्ड असेसमेंट: यानी बच्चों को सिर्फ रट्टा नहीं लगवाना, बल्कि उनकी सोचने और समझने की क्षमता को परखना। ये कोर्स सोशल साइंस, साइंस और मैथ्स के टीचरों के लिए है।
अब सोचिए, अगर टीचर खुद नए तरीके सीखेंगे, तो बच्चों को भी पढ़ाई में मज़ा आएगा। और यही तो मकसद है—पढ़ाई को बोझ नहीं, अनुभव बनाना।
CBSE ने साफ कहा है कि ये कोर्स सिर्फ टीचिंग स्किल्स नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि टीचरों को मोटिवेट भी करेंगे। हर कोर्स में प्रैक्टिकल सेशन, केस स्टडी और रियल लाइफ उदाहरण होंगे, ताकि टीचर क्लासरूम में जाकर तुरंत इस्तेमाल कर सकें।
अब टीचर भी स्टूडेंट बनेंगे, और क्लासरूम में सिर्फ पढ़ाई नहीं, समझदारी भी बढ़ेगी। अगर आप खुद टीचर हैं या किसी टीचर को जानते हैं, तो CBSE के ट्रेनिंग पोर्टल पर जाकर रजिस्टर ज़रूर करिए। क्योंकि आज का टीचर अगर अपडेट नहीं है, तो कल का स्टूडेंट पीछे रह जाएगा।