Extreme Heat Can Lead To Ageing (अधिक गर्मी से लोग हो रहे है जल्दी बूढ़े)

Extreme Heat Can Lead To Ageing(अधिक गर्मी से लोग हो रहे है बूढ़े) : – अधिक गर्मी से लोग हो बूढ़े रहे है | गर्म वातावरण में बार-बार या लंबे समय तक रहने से मनुष्य की उम्र तेजी से बढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, यह ताजा शोध से सिद्ध हुआ है। जर्नल ‘सेल जीनोमिक्स’ में प्रकाशित एक अध्ययन ने दिखाया है कि अत्यधिक गर्मी मानव कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है और अधिक गर्मी से लोग जल्दी बूढ़े हो रहे है। इस शोध के अनुसार, जब शरीर लगातार उच्च तापमान के संपर्क में रहता है, तो यह डीएनए (DNA) और प्रोटीन को नुकसान पहुँचाता है। हमारे शरीर की कोशिकाएं एक खास तरह के तनाव (heat stress) में आ जाती हैं, जिससे वे अपनी मरम्मत करने की क्षमता खो देती हैं। यह ठीक वैसे ही है, जैसे एक मशीन को लगातार ओवरलोड कर दिया जाए – वह जल्दी खराब हो जाती है।

शोध का निष्कर्ष

ताइवान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने हाल ही में हजारों वयस्कों पर एक दीर्घकालिक अध्ययन किया। शोध के अनुसार, लगातार गर्मी या हीटवेव के संपर्क में रहने से मनुष्यों की जैविक आयु (biological age) बढ़ जाती है। ऐसा पाया गया कि सिर्फ दो साल तक गर्मी की लहर का असर झेलने से जैविक उम्र 8-12 दिन तक बढ़ जाती है, और अगर यह अवधि और बढ़े तो नुकसान व्यापक हो सकता है।

जैविक तंत्र पर असर

गर्मी के तनाव से शरीर की एपिजेनेटिक्स (Epigenetics) प्रक्रिया बदल जाती है जिसमें जीन का सक्रिय या निष्क्रिय होना शामिल है। अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने वाले लोगो की कोशिकाएं जल्दी बूढ़ी होती जाती हैं, जिससे वे असल उम्र से ज्यादा बूढ़े दिखने लगते हैं। बुजुर्गों और बाहर कार्यरत लोगों पर इसका असर सबसे ज्यादा होता है।

 जीवनशैली के बराबर नुकसान

गर्म हवाओं का प्रभाव धूम्रपान, शराब, अस्वस्थ खान-पान या व्यायाम की कमी जैसी हानिकारक जीवनशैली आदतों की तरह ही नुकसान करता है। शोध के मुताबिक, यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र और जैविक उम्र पर व्यापक असर डालता है।

गर्मी कैसे करती है उम्र कम?
शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्मी से तीन मुख्य तरह के नुकसान होते हैं:

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative Stress): गर्मी शरीर में ‘फ्री रेडिकल्स’ (free radicals) को बढ़ाती है। ये फ्री रेडिकल्स कोशिका के डीएनए को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे शरीर में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

इंफ्लेमेशन (Inflammation): शरीर में इंफ्लेमेशन यानी सूजन उम्र बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। अत्यधिक गर्मी से शरीर में इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रियाएं बढ़ जाती हैं,और आप मोटापे का शिकार हो जाते हो जो विभिन्न अंगों को नुकसान पहुँचा सकती हैं और उम्र कम कर सकती हैं।

सेलुलर फंक्शन में बाधा: गर्मी से कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पातीं। वे अपने प्रोटीन को सही तरह से नहीं बना पातीं और न ही उन्हें फोल्ड कर पाती हैं। इससे कोशिकाएं बूढ़ी होने लगती हैं और उनका जीवन काल घट जाता है।
यह अध्ययन बताता है कि जो लोग लगातार उच्च तापमान वाले वातावरण में काम करते हैं या रहते हैं (जैसे निर्माण मजदूर, किसान, आदि), उनके शरीर पर इसका सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

विशेष समूहों पर असर
बुजुर्ग, बीमार और बिना एयर कंडीशनिंग के रहने वाले लोग विशेष तौर पर अधिक प्रभावित होते हैं। गरीब और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित इलाकों में यह समस्या और गहन होती है।

समाधान

गर्मी से बचने के लिए छांव में रहना, खुले और हवादार स्थानों का चुनाव, पर्याप्त पानी पीना, और आवश्यकता अनुसार एयर कंडीशनिंग या कूलर का इस्तेमाल करना, प्रभाव को कम करने के उपाय हैं। ऐसे कदम उठाने से नुकसान थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन समय के साथ जलवायु परिवर्तन की वजह से जीवनशैली में बदलाव लाना आवश्यक है।
इस शोध का संदेश है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी को हल्के में न लें, क्योंकि यह मनुष्य की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकती है जैविक और मानसिक दोनों ही तौर पर।

Leave a Comment