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ग्लांस (Glance) ने 2025 में भारत की सबसे तेज़ी से यूनिकॉर्न बनने वाली टेक कंपनी!

ग्लांस (Glance) ने 2025 में भारत की सबसे तेज़ी से यूनिकॉर्न बनने वाली टेक कंपनी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। मात्र एक साल के भीतर $1.8 बिलियन की वैल्यूएशन (लगभग 14,800 करोड़ रुपए) हासिल करने वाली यह कंपनी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की उभरती ताकत बन गई है। इस ब्लॉग में ग्लांस के इस ऐतिहासिक सफर, उनके बिजनेस मॉडल, वित्तीय विवरण, निवेशकों की भूमिका और भविष्य की योजनाओं को विस्तार से बताया गया है।

ग्लांस के बारे में परिचय

ग्लांस की स्थापना 2019 में बेंगलुरु से हुई थी। यह कंपनी AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित कंटेंट डिलीवरी प्लेटफॉर्म के रूप में फ़ोन की लॉक स्क्रीन पर यूजर्स को आकर्षक, पर्सनलाइज़्ड जानकारी, वीडियो, न्यूज, गेम्स, शॉपिंग और मनोरंजन प्रदान करती है। इसका यूजर बेस 235 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं का है, जो भारत में मोबाइल यूजर्स के बीच बेहद लोकप्रिय हो चुका है।


तेज़ यूनिकॉर्न बनने का सफर

कंपनी ने 4 फंडिंग राउंड्स में कुल $390 मिलियन (लगभग 3,100 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। इसके निवेशकों में गूगल, मिथ्रिल कैपिटल, जियो प्लेटफॉर्म्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने कंपनी की तेजी से बढ़ती क्षमता में भरोसा जताया है।
ग्लांस की सालाना राजस्व 2022-23 में $38.7 मिलियन से बढ़कर 2023-24 में $73.1 मिलियन हो गई, जो कंपनी की ग्रोथ को दर्शाता है।
हालांकि कंपनी अभी लाभांश में नहीं है और FY 2023-24 में 929 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ है, लेकिन निवेश और विस्तार के कारण यह एक सामान्य और अनुमानित चरण माना जा रहा है।

बिजनेस मॉडल और टेक्नोलॉजी

ग्लांस मोबाइल लॉक स्क्रीन के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं तक AI-ड्रिवेन कंटेंट पहुंचाता है। यह टेक्नोलॉजी यूजर बिहेवियर को समझ कर उनके लिए कस्टमाइज़्ड कंटेंट और विज्ञापन दिखाती है, जिससे विज्ञापनदाताओं का ROI बेहतर होता है। ग्लांस ने गेमिंग, इ-कॉमर्स और शॉर्ट विडियो सेक्टर्स में भी अपने उत्पादों का विस्तार किया है, जिससे उनकी कमाई के नए स्रोत तैयार हो रहे हैं। कंपनी अब अमेरिका, जापान जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार कर रही है।

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नेतृत्व और विस्तार

अभी हाल ही में, ग्लांस ने मंसी जैन को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया है, जो कंपनी के तेज़ विस्तार और संचालन के लिए रणनीतिक नेतृत्व प्रदान करेंगी। ग्लांस ने स्ट्राइड वेंचर्स से ₹200 करोड़ का डेब्ट फंडिंग भी हासिल किया है, जो इसके नई तकनीकों एवं बाज़ार विस्तार को समर्थन देगा।

भारत में अन्य यूनिकॉर्न कंपनियों के साथ तुलना

भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से पनप रहा है और 2025 तक 118 यूनिकॉर्न कंपनियां बन चुकी हैं। इनमें ज़ेरोधा ($8.2 बिलियन), रेजरपे ($7.5 बिलियन), लेंसकार्ट ($7.5 बिलियन), ग्रोव ($7 बिलियन) शामिल हैं। ग्लांस की खासियत इसकी सबसे तेज़ी से बड़ा होने वाली कंपनी होना है, जबकि अन्य कंपनियां वर्षों में ये मुकाम हासिल करती हैं। ग्लांस की यह हासिलिक एक नए युग की शुरुआत भी मानी जा रही है, जहां AI आधारित उपभोक्ता टेक्नोलॉजी प्रमुख होगी।

वैश्विक महत्व

डिजिटल कंटेंट और AI आधारित प्लेटफॉर्म का बढ़ता चलन ग्लांस के वैश्विक विस्तार की दिशा में मददगार साबित हो रहा है। कंपनी का जापान सहित अमेरिका में तेजी से विस्तार इस बात का संकेत है कि ग्लांस केवल भारत ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट्स में भी बड़ा प्रभाव छोड़ रही है। इसके साथ ही, तकनीकी नवाचारों और ग्राहक अनुभव पर इसका फोकस इसे लंबे समय तक टिकाऊ और लाभकारी बनाता है।

ग्लांस की उपलब्धि भारतीय स्टार्टअप की दुनिया में एक मील का पत्थर है। केवल एक वर्ष में $1.8 बिलियन वैल्यूएशन हासिल कर इसे भारत का सबसे तेज़ यूनिकॉर्न बताया जा रहा है। AI टेक्नोलॉजी, स्मार्ट कंटेंट डिलीवरी और मजबूत निवेशकों के सहयोग से ग्लांस की ग्रोथ रफ्तार साफ दिखती है। भविष्य में यह कंपनी भारतीय टेक्नोलॉजी और वैश्विक स्तर पर AI के क्षेत्र में नई दिशा और ऊचाईयां छूने की क्षमता रखती है।

 

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