भारतीय क्रिकेट के दिग्गज तेज़ गेंदबाज ज़हीर खान ने हाल ही में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) फ्रेंचाइज़ी के साथ अपना सफर समाप्त कर लिया है। सिर्फ एक सीज़न के भीतर ही उनका यह निर्णय आईपीएल और लखनऊ के फैंस के लिए चर्चा का विषय बन गया है। यहाँ विस्तार से लखनऊ सुपर जायंट्स और ज़हीर खान के इस रिश्ते के हर पहलू पर प्रकाश डाला गया है।
ज़हीर खान की पृष्ठभूमि और LSG में भूमिका : –
ज़हीर खान ने अगस्त 2024 में लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटोर और डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले वे मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल (2018-2022) तक काम कर चुके थे। LSG से जुड़ने का उनका उद्देश्य टीम के युवा खिलाड़ियों के टैलेंट की पहचान, प्रभावशाली रणनीति बनाना और स्काउटिंग में अहम भूमिका निभाना था। गौती (गौतम गंभीर) के जाने के बाद ज़हीर की नियुक्ति से फ्रेंचाइज़ी ने नई उम्मीदें बांधी थीं।
आईपीएल 2025 के परफॉर्मेंस का ट्रैक : –
LSG ने 2022 और 2023 के आईपीएल सीजन में प्लेऑफ़ तक जगह बनाई थी, लेकिन 2025 में टीम को झटका लगा और वे सातवें स्थान (14 में से सिर्फ 6 जीत) पर रही। खासतौर से लखनऊ के अपने होम ग्राउंड पर टीम ने केवल 2 मैच ही जीते। टीम का प्रदर्शन स्विंग करता रहा; शुरुआती आठ मैचों में पाँच जीत मिलना सकारात्मक रहा, लेकिन आखिरी छः में केवल एक ही जीत दर्ज हुई।
मतभेद और अलग होने के कारण : –
ज़हीर खान के हटने की बड़ी वजह साफ़ तौर पर टीम प्रबंधन—खासकर हेड कोच जस्टिन लैंगर और मालिक संजीव गोयनका—के साथ विचारों का मेल न होना बताया गया है। रणनीति, प्लानिंग, प्लेइंग इलेवन और खिलाड़ियों की भूमिका को लेकर ड्रेसिंग रूम में कई मतभेद रहे। ज़हीर ख़ासकर बिखरे हुए सोच और स्पष्ट दिशा के अभाव से परेशान थे, जिससे सीजन के उत्तरार्ध में टीम की गिरती परफॉर्मेंस भी दिखी।
ज़हीर का टीम पर प्रभाव : –
LSG में ज़हीर ने बॉलिंग कोच से आगे बढ़कर युवा तेज गेंदबाजों के मेंटर और टेक्टिकल अनुभव का पूरा लाभ दिया।
उनकी सलाह पर रिषभ पंत को डाउन द ऑर्डर भेजा गया, जिससे टॉप पर मार्श और मार्करम को खेलने का मौका मिला और टीम को शुरुआती लाभ हुआ।
उनका मुक्य योगदान केवल बॉलिंग तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने फील्डिंग सेटिंग, खिलाड़ियों की स्काउटिंग और प्लानिंग में गहरी सलाह दी।
आगे की चुनौतियाँ : –
LSG के लिए अब आगामी मिनी ऑक्शन और नए सीज़न की तैयारी ज़्यादा चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि टीम को एक नया मेंटर और रणनीतिक दिशा चाहिए। टीम ने अपनी बॉलिंग कोच के लिए भरत अरुण को साथ जोड़ा है, मगर ज़हीर जैसे अनुभवी खिलाड़ी की कमी प्रभावित कर सकती है। ज़हीर खान का एलएसजी से जाना, फ्रेंचाइज़ी की रणनीतिक दिशा पर सवाल तो छोड़ गया है, लेकिन साथ ही आगामी सीज़न में टीम के बदलाव और संभावनाओं का रास्ता भी खोला है। टीम को एकमुश्त स्पष्ट सोच और भरोसेमंद रणनीति की ज़रूरत है। ज़हीर जैसे मेंटोर की जगह भरना आसान नहीं होगा, लेकिन क्रिकेट का यह सफर हमेशा नए बदलावों के लिए जाना जाता है।
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