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झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, 350 नयी MBBS सीटें

झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, 350 नयी MBBS सीटें

झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, 350 नयी MBBS सीटें(image source - news arena)

झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज: स्वास्थ्य और शिक्षा में बड़ा बदलाव 

झारखंड को केंद्र सरकार से बड़ी सौगात : –  हाल ही में झारखंड राज्य सरकार को एक बड़ी खुशखबरी मिली है। केंद्र सरकार ने राज्य के चार जिलों – खूंटी, जामताड़ा, धनबाद और गिरिडीह में चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है। ये मेडिकल कॉलेज पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) मॉडल के तहत खुलेंगे, जिसका मतलब है कि सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएंगे। इसका मकसद चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है।

जिलों में मेडिकल कॉलेज की सीटें और योजना : –

झारखंड में खुलने वाले इन नए मेडिकल कॉलेजों की सीट क्षमता इस प्रकार है :

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार 40% पूंजीगत व्यय और 25% परिचालन व्यय में सहायता करेगी, जबकि राज्य सरकार भी 25%-40% पूंजीगत व्यय और 15%-25% परिचालन व्यय में योगदान देगी।

इस फैसले का क्या मतलब है आम जनता के लिए ? : –

झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा है कि इन मेडिकल कॉलेजों के खुलने से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में चिकित्सा शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान होगी। इससे डॉक्टरों की कमी दूर होगी और विशेषज्ञ इलाज का विकल्प राज्य में ही उपलब्ध होगा, जिससे मरीजों को बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।

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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की राय : –

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इसे “स्वास्थ्य क्रांति” बताया है। उन्होंने कहा कि पहले लोग जामताड़ा जैसे इलाकों को पहचानते भी नहीं थे, पर अब उन्हीं जिलों में मेडिकल कॉलेज बनेंगे और वहां के बच्चे डॉक्टर बनेंगे। इसका न सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि शिक्षा, रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे।

झारखंड में खुलेंगे 4 नए मेडिकल कॉलेज, 350 नयी MBBS सीटें(image source – RIMS)

भविष्य की योजना : –

यह पहला चरण है। इसके बाद अगले चरण में गोड्डा, साहिबगंज, सरायकेला और पाकुड़ जैसे जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। हालांकि देवघर में प्रस्तावित एम्स मेडिकल कॉलेज को अभी केंद्र से स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन प्रयास जारी हैं।

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आम आदमी की जुबानी : –

यह खबर उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। कई ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाके जो स्वास्थ्य सेवा की कमी से जूझ रहे थे, उनके लिए यह बड़े बदलाव की शुरुआत है। यह बदलाव न केवल बेहतर इलाज की गारंटी देता है, बल्कि युवाओं के लिए नए करियर के अवसर भी लाएगा। मेडिकल पढ़ाई के लिए अब दूर-दूर जाकर बड़ी मेहनत करनी नहीं पड़ेगी।

संभावित चुनौतियां : –

ऐसा तो नहीं कि सब कुछ एकदम सहज होगा। नए कॉलेजों के निर्माण और संचालन में कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं, जैसे सही डॉक्टरों की भर्ती, इन्फ्रास्ट्रक्चर की पूर्णता और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार। लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन इसे प्राथमिकता देंगे ताकि ये कॉलेज जल्द से जल्द प्रभावी रूप में काम कर सकें।

झारखंड के लिए यह मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का एक ऐतिहासिक मोड़ है। इससे सिर्फ चिकित्सा छात्र ही नहीं बल्कि पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त होगी। नए मेडिकल कॉलेजों से एक नई उम्मीद की किरण दिख रही है कि झारखंड जल्द ही स्वास्थ्य क्षेत्र में अन्य राज्यों के साथ बराबरी कर सकेगा।

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